"मॉ-बेटा क्या कर रहे हो ?
बेटा- पढ़ रहा हूं|
मॉ- शाबास! क्या पढ रहे हो?
बेटा- जी फिल्म शोले की स्टोरी|"
बेटा- पढ़ रहा हूं|
मॉ- शाबास! क्या पढ रहे हो?
बेटा- जी फिल्म शोले की स्टोरी|"
हसीनों से मिलें नज़रें अट्रैक्शन हो भी सकता है, चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है, हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना, ये अं...